Tuesday 27 October 2020

मौजूदगी

सांसों में

जिंदा होने का एहसास

भरती थी शायद...

मौजूदगी एक दूजें की...

बस इसीलिए

जरूरी है शायद...

आज भी हमें

इस जहां में..

मौजूदगी एक दूजें की...।

Saturday 24 October 2020

दो पल की मुलाकात

किसी रोज
किसी अजनबी से..
दो पल की मुलाकात भी
बेहद प्यारी होती है..
जानते है..
ना पहले कभी मिले 
ना फिर कभी मिलेंगे..
फिर भी
उस पल की खूबसूरती
कई दिनों की रंगत बदल देती है....
कभी-कभी तो जिंदगी की दिशा भी...।

Friday 9 October 2020

स्वयं से इतर

जिसे भी तुम 

स्वयं से इतर ना देख पाओ

बस समझ लेना 

वहीं प्रेम का पात्र है 

तुम्हारे जीवन में..

और जो स्वयं से 

इतर ना देख पाए तुम्हें

वहीं शख़्स 

तुम्हारी तलाश..

तुम किसी के हो जाओ

अंतस के हर कोने से

परख लेना उससे पहले  

कि सामने भी ऐसी ही चाह 

है कि नहीं..

सफ़र लंबा हो जाए 

किसी के साथ अगर

तो फिर वापस लौटना

थोड़ा मुश्किल हो जाता है..

यादों के दामन को छिटकना 

और आगे बढ़ना 

थोड़ा उलझन-भरा हो जाता है..

सुकूं की तलाश में निकलें हो

अच्छी बात है

झोली में कुछ कंकर  

आ ही जाएंगे 

चाहे जितना सम्हलकर चले हो..

मगर झोली 

कंकरों से ही आबाद ना हो जाए

इसका ख्याल रखना..

जो स्वयं से इतर 

ना देख पाए तुम्हें 

उस शख़्स की तलाश 

जारी रखना..।

Sunday 4 October 2020

सागर का किनारा

सागर का किनारा हो,

और ढ़लते सूरज की खूबसूरती के साक्षी हम हो..

हाथों में हमारे जाम,

और गालों पर इन्द्रधनुष के रंग हो..

कांधे पर तुम्हारे मेरा सर हो,

और हमारी मुहब्बत के रंगों से सजी कविता

गुनगुनाती हुई उस पल वहां मैं हो..

और शामिल उस पल में हर वो बात हो,

जो बना दे हमें रूहों के साथी.. ताउम्र के लिए....।