Tuesday 30 November 2021
Monday 29 November 2021
दिल की हर दुआ
तेरे मासूम से चेहरे को
अपने हाथों में थामकर
लबों के जरिए दिल की हर दुआ
तेरी पेशानी पर लिख देना चाहती थी मैं...
पेशानी(माथा/मस्तक)
तेरी बांहों में अपनी बांहें डालकर
किन्हीं अनजाने से रास्तों पर
देर तक चुपचाप
तेरे संग चलना चाहती थी मैं...
तेरी आंखों से होकर
मेरी रूह तक पहुंचने वाले
उस खामोश नशे को
ताउम्र पीना चाहती थी मैं...
तेरे सीने से लगकर
तेरी धड़कनों के संगीत के
नशे में मदहोश होकर
कहीं खो जाना चाहती थी मैं..
तेरी जिंदगी के
हर दर्द में तेरी हमदर्द
और तेरे चेहरे की मुस्कुराहटों की
वजह बनना चाहती थी मैं...
देर तक तुझे सुनते-सुनते
तेरे ही दामन में
किसी मासूम बच्ची की तरह
सो जाना चाहती थी मैं...
बर्फीली वादियों में
तेरी बाहों में सिमटकर
तेरे दिल के कुछ और
करीब हो जाना चाहती थी मैं...
सावन की मदमस्त बूंदों में
तेरे संग भीगते हुए
किसी मोरनी की तरह
नाचना चाहती थी मैं...
अच्छे, बुरे, भले
जिंदगी के तमाम रंगो से
तेरे संग हंसते-मुस्कुराते
होली खेलना चाहती थी मैं...
बासंती पवन में
तेरे संग झूमती हुई
उस नशे को अपनी सांसों में
घुल जाने देना चाहती थी मैं...
तुम्हें बदलने की कोशिश किए बिना
तुम जैसे हो वैसे ही
तुम्हें ढे़र सारा
प्यार करना चाहती थी मैं...
तेरे होने के एहसास को
अपने इर्द-गिर्द महसूस करते हुए
जिंदगी की शाम को
ढ़ल जाने देना चाहती थी मैं.....।
Tuesday 23 November 2021
कवि
कवि होने का मतलब है
मानव हृदय पर
जितनी परतें चढ़ चुकी है
उन्हें हटाना...
और फिर से
हृदय की मूल अवस्था
उसके मूल स्वभाव से..
दुनिया का साक्षात्कार करवाना...।
Monday 1 November 2021
अनुभवों के लंबे कारवां में
हर वो शख़्स
शामिल रहा है मेरी शख्सियत में..
जो मौजूद रहा
अनुभवों के लंबे कारवां में.....
किसी ने.. मोहब्बत के मायने समझाएं
तो किसी ने.. दर्द के सुलगते आकाश दिखलाये
किसी ने.. यातना की इंतहा से परिचय करवाया
तो किसी ने.. हर हाल में मुझे स्वीकार कर
मुझे फिर से खड़े होने के काबिल बनाया...
कुछ इस तरह....
हर वो शख़्स
शामिल रहा है मेरी शख्सियत में..
जो मौजूद रहा
अनुभवों के लंबे कारवां में.....।
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