Thursday 15 July 2021

साहस-विहीन प्रेम

ताउम्र हृदय-विहीन व्यक्तियों के दुस्साहस 
और प्रेमिल व्यक्तियों की कायरता से जूझना
जीवन को तहस-नहस कर गया...
साहसी के पास हृदय नहीं मिला
और प्रेमिल के पास साहस...
प्रेमिल हो मगर साहसी ना हो
तो तुम्हारे प्रेम के कोई मायने नहीं रह जाते...
प्रेम तो नाम ही प्रेमी के साथ खड़े रहने का है
उसकी परवाज़ के लिए 
उसके आसमान के लिए..
दुनिया से भी लड़ जाना है प्रेम...
बिना साहस के कैसे लड़ोगे..?
कैसे साथ दोगे..?
जो साहसी नहीं हो सकता 
उसका प्रेम फिर सामने वाले के लिए 
बस पीड़ा ही रह जाता है।

Monday 5 July 2021

तन्हा ही रह गए वो शख्स..
तलाश जिन्हें....
अपने साथी की रही.....
ये दौर अय्याशियो का जो ठहरा...।
गिरहों को सुलझाए कैसे
हर इक शख़्स
उलझी हुई-सी पहेली है यहां....

Friday 2 July 2021

जाति के पुतले

इंसान की तलाश थी

प्रेम की तलाश थी...

मगर सब तरफ

जाति के पुतले बिखरे मिले...

ढूंढने पर भी उनमें

इंसान कहीं ना मिले..

तो फिर प्रेम की तलाश

कहां पूरी होनी थी...।

उन्हीं की राहों में

वो जो रोशन किया करते है

हर राह पर.. राह तुम्हारी...

उन्हीं की राहों में

स्याह अंधेरी-सी रात  हो जाना......

हर जलजले में जो साथ खड़ा हो तुम्हारे

बचा लेने को.. हर बला से तुम्हें....

तमाशा उन्हीं का सरेराह बना देना

काबिले तारीफ है तेरा...