फिंगरप्रिंट की तरह ही
कोई भी दो जिन्दगियों की कहानी
मैैच नहीं करती..
तो कैसे हम किसी और को
जज कर सकते हैं..
बिना उसकी जिंदगी जिए....।
फिंगरप्रिंट की तरह ही
कोई भी दो जिन्दगियों की कहानी
मैैच नहीं करती..
तो कैसे हम किसी और को
जज कर सकते हैं..
बिना उसकी जिंदगी जिए....।
आज किसी ने पूछा उम्र क्या हो गई मैम आपकी
जिसने पूछा उसे जन्मदिन से लेकर साल तक पता था..
कितना स्तरीय सवाल था ना....
ऐसे ही कुछ और स्तरीय सवाल पूछे गए..
तुम जैसे लोगों के दिमाग में
कभी यह सवाल क्यों नहीं उठते कि
किस तरह रोक सकते हैं
मासूम बच्चों को यौन हिंसा से..
किस तरह दे सकते हैं किसी के जीवन को दिशा..
तुम्हारे ही घरों में तुम्हारे ही रिश्तेदार
तुम्हारे ही बच्चों का जीवन नोंच लेते हैं
तब तुम खामोश रहते हो..
उस बच्चे को भी चुप रहना सिखाते हो
तब तुम सवाल नहीं करते
तब तुम खड़े नहीं होते
क्योंकि तुम सब सभ्य समाज का हिस्सा जो ठहरे..
सामने सब ठीक लगना चाहिए
भीतर चाहे कोई खत्म हो जाए..
अपने शब्द.. अपनी उर्जा.. अपने जीवन को..
सही दिशा में लगाना सीखो
ताकि कुछ मायने हो तुम्हारे जीवन के....।