जीवन की आधारशिला है...
और यौन परिपक्वता
अपराध नहीं
विकास की प्रकिया है...
किशोरों को
जीवन के जिस बेहद
महत्वपूर्ण पड़ाव पर...
हमारी सबसे ज्यादा
जरूरत होती है...
तब परिवार और समाज
उनका मार्गदर्शन करने की बजाय
उन्हें जज करने बैठ जाता है...
और किशोर अकेले ही
इस दौर से जूझते रहते हैं...
किशोरावस्था निर्माण का समय है
किशोरों के जीवन में नींव बनिए..
किशोरावस्था में किशोरों को
तन्हा, खुद में ही उलझा हुआ
और विध्वंसक बनने के लिए मत छोड़िए.....l