Sunday 2 October 2022

बढ़ती उम्र के साथ

बढ़ती उम्र के साथ 
हम जजमेंटल कम.. 
और सेनसिबल 
अधिक हो जाते है...
जीवन को 
बिताना कम..
और जीना अधिक 
सीख जाते है...
अदब के नाम पर 
जीवन मे घुली
गुलामी से..
कुछ आजाद होना 
सीख जाते है...
हजारों बंदिशों की
गठरी की गांठों को...
हौले-हौले 
खोलना सीख जाते है....।