Tuesday 7 November 2023

यादें कितना सुकूं देती है ना..
बशर्ते वो खूबसूरत हो....।

Thursday 28 September 2023

सिर्फ मातृत्व

पहली बार जब

अपनी नन्हीं-सी भांजी को गोद में लिया

फिर महीने-भर उसके साथ रही

उसे खिलाना-पिलाना लोरी गाकर सुलाना 

उसकी तबीयत खराब हो जाने पर बेचैन हो उठना

सब आदत बन गए..  

एक बार उसे नहलाते हुए 

उसके कोमल-से गाल को 

जब मेरा नाखून छू गया

और वो रोने लगी..

तो उस दिन

उस वक़्त की मेरी सबसे अजीज चीज 

मेरे लंबे और खूबसूरत नाखूनों को

मैंने बिना सोचे और बिना किसी पीड़ा के

उसी वक़्त काट दिया... 

वो बच्ची, उसकी मुस्कराहट, उसका सुकून 

अब मेरे लिए सर्वोपरि हो चुका था....

ऐसा फिर हुआ,

जब मैं किसी पुरुष के प्रेम में पड़ी... 

शायद,

हम स्त्रियों के पास सिर्फ मातृत्व होता है... ।

Thursday 20 July 2023

स्वास्थ्य

जानते हो

जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण क्या है?

हमारा स्वास्थ्य.... 

स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य नहीं,

मानसिक स्वास्थ्य भी है...

स्वास्थ्य में यह दोनों आते हैं...

शरीर के बारे में बहुत चर्चा हुई है 

इसलिए कुछ हद तक हम इसे समझते हैं..

मगर इसे भी पूरी तरह हम नहीं समझते 

पीरियड्स, सेक्स, प्यार और कॅरियर के दबाव जैसे जरूरी 

विषयों पर खुलकर बात नहीं की जाती है 

और जब हम खुलकर अपनी बातें नहीं रख पाते.. 

या कहने, पूछने पर भी 

हमारे बड़े अपनी समझ की कमी 

या झूठी शर्म के कारण 

हमसे इन मुद्दों पर बात नहीं करते है.. 

तब बात मानसिक स्वास्थ्य पर आ जाती है...

जरूरी है की बिना शर्माये 

इन जरूरी मुद्दों पर बात की जाये..

ताकि जीवन बचाएँ जा सके...।  




कन्यादान

कन्यादान प्रथा नहीं 
कुप्रथा है..
जैसे सती-प्रथा,
बाल-विवाह आदि.. 
क्योंकि दान पर हमारा 
किसी भी प्रकार का 
कोई भी अधिकार नहीं रह जाता.....
दान की तो यही परिभाषा है..
इसलिए कन्यादान प्रथा नहीं
कुप्रथा है...
अपनी ही बेटी पर 
अपने सारे अधिकार खो देना
कैसा महादान है.....
हाँ.. यह अपनी बेटी के प्रति 
अपनी जिम्मेदारियों से भागने 
का ज़रिया जरूर है....
इसलिए कन्यादान प्रथा नहीं
कुप्रथा है............।

Tuesday 18 July 2023

कभी-कभी

कभी-कभी 
दिल बहुत उदास होता है 
जब देखता है 
दुनिया की चालबाजियां..
देखता ही कहां है
वो बेचारा तो 
सब कुछ झेलता है......।

नजरिया

आज मां बैठी भैया से बातें कर रही थी 
मां ने कहा लड़की ज्यादा सुंदर नहीं है 
जब तक अच्छी लड़की ना मिले कोई जल्दी नहीं है 
अच्छी लड़की मिले तभी शादी करना.... 
पास बैठी बेटी को कुछ याद आ गया..
जब उसे पहली बार एक लड़का देखने आया था 
और उसने कहा था कि मां मुझे लड़का पसंद नहीं...
उसके व्यवहार की वजह से शक्ल की वजह से नहीं.. 
तो इसी मां ने कहा था तुम्हारे लिए लड़की पड़े कहां है
बेटियों को तो यहां मां भी नसीब नहीं होती....।

बार-बार बोलता है

घनीभूत पीड़ा का
उर्मिला-सा बिछोह..
अब रोम-रोम दौड़ता है
आंखों में उतरकर दर्द अब
बार-बार बोलता है.....
पीड़ा का प्रत्यक्ष
प्रमाण-सा मेरा जीवन..
अब रिस-रिस कर रीतता है
होठों की खामोशी में दर्द अब
बार-बार बोलता है.....।



Wednesday 21 June 2023

मेरा जीवन पितृसत्ता की भेंट चढ़ गया

मेरा जीवन पितृसत्ता की भेंट चढ़ गया 
पितृसत्ता से पहली बार मैं बारह की उम्र में टकराई 
ये मेरा रिश्तेदार था 
इसकी अभी-अभी शादी हुई थी 
बारह की उम्र से सत्रह-अठारह तक 
ये मुझे सीने पर, जांघों पर छूता रहा 
पीठ को सहलाता रहा
एक दिन तो चीजें इससे भी आगे बढ़ जाती 
अगर मैं भागकर दरवाजा बंद ना करती
सालों तक मैं डर महसूस करती रही 
मगर जिन चीजों को जानती नहीं थी 
उनके बारे में शब्द कहां से लाती 
जब चीजों की कुछ समझ आई
मैंने उस आदमी से दूरी बनानी शुरु कर दी
हर बार ये आदमी मेरे आत्मविश्वास को गिराता रहा था 
ये आदमी कहता था ,"तुम्हें बहु-बेटी के लखन नहीं है।" 
"औरतें आदमियों के पैरों की जूती होती है।" 
मुझे लगा दुनिया में कुछ बुरे लोग है 
उनमें से एक से मैं टकरा गई हूं 
और यहां से मैं जीवन में आगे बढ़ी...

जीवन में पहली बार प्रेम का अनुभव किया 
मगर नहीं.. पितृसत्ता बस मुखौटा बदल कर आई थी 
इस आदमी ने प्यार, शादी के वादे किए 
मगर इसे सिर्फ शरीर चाहिए था
जिस मक़सद से ये आया था
वो मक़सद पूरा ना होता देख 
इसने मुझे तन्हा कर किया 
जब मैंने पूछा की मेरे साथ ऐसा क्यों किया
तो उसने कहा क्यूं करते है लड़के ऐसा 
टाइम पास और क्या..
और रही बात शादी की 
तो हम लड़के पागल थोड़ी है
जो ऐसे ही शादी कर ले 
जाति में शादी करते है.. ताकि दहेज भी मिले
और समाज में इज्जत भी.. 
और हाँ दुबारा मुझे कॉल या मेसेज मत करना 
वर्ना ठीक नहीं होगा तुम्हारे लिए 
मैं लङका हूं मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा
मगर तुम्हारा बहुत कुछ बिगड़ जाएगा 
"मैं लङका हूं मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा"
उसके ये शब्द बार-बार 
मेरे दिल और दिमाग को नोचते रहते 
कि हमारा समाज इतनी ताकत देता है लड़कों को
कि वो पूरे विश्वास के साथ दुस्साहस से भरी
ऐसी उद्घोषणाएं कर पाते हैं...
 
अब तक मिले इन दोनों आदमियों ने मुझे 
समझाया की पितृसत्तात्मक समाज में स्त्रियां 
पुरुषों के लिए सिर्फ देह है 
बचपन और जवानी दोनों को तबाह कर देने वाले 
दुनिया के अब तक जाने इस सच ने 
मुझे तोड़ दिया 
मानसिक तनाव अब जीवन मैं सांसों
का साथी-सा हो गया
कॅरियर हाथ से निकल गया.....

पितृसत्ता से मैं फिर टकराई 
ये आदमी शादीशुदा था 
मगर विवाहित होने के सभी निशान 
तो बस स्त्रियों के लिए है 
पुरुषों के लिए कुछ नहीं... 
इस आदमी ने मेरा परिचय 
एक नई दुनिया से करवाया 
मासूम, सीधी, सरल 
और बेहद साधारण शक्लों सूरतवाली लड़कियों की 
वो दुनिया 
जो उन लड़कियों को 
किसी जालबाज की पत्नि बनकर मिली
जिन्हें पता तक नहीं की उन्हें 
चुना ही इसलिए गया था ताकि 
जीवन में अय्याशियां चलती रहे
उनके चुनाव के साथ ही तय हो गई थी 
कई दूसरी मासूम लड़कियों की भावनाओं 
और जीवन से खिलवाड़ की कहानियां.... 

बार-बार पितृसत्तात्मक समाज में पनपे 
इन कीड़ों से टकराती रही 
और आखिर में मैं बिखर गई..
मगर जब तक
स्त्रियों की सत्ता में भागीदारी नहीं होगी.. 
जब तक वो पुरुषों को सिर्फ पालेगी नहीं 
बल्कि उनके भीतर की मनुष्यता को भी 
पितृसत्ता से बचा कर रख पाएंगी.. 
तब तक इस दुनियाँ में 
मासूम स्त्रियों के लिए 
प्यार और सम्मान की सुकूं-भरी दुनियाँ की 
कल्पना सम्भव नहीं है....।



 

अगर आप

अगर आप 
बौद्धिक, 
तार्किक,
मनोवैज्ञानिक, 
सृजनात्मक
व संवेदनशील व्यक्तित्व रखते है.. 
तो जीवन आसान नहीं होगा आपका..
क्योंकि इनमें से एक भी योग्यता 
हमारा वर्तमान समाज नहीं रखता...।


Wednesday 12 April 2023

मां

मां.. 

वह जो हमें इस दुनिया में 

एक बार लाती है...

मगर

जीवन हमें कई बार देती है... 

जब भी 

हम टूटते-बिखरते हैं...

वह अपनी पूरी जीवन ऊर्जा लगाकर 

हमें फिर से पुनर्जीवित कर देती है.....।

Friday 13 January 2023

कभी-कभी

 कभी-कभी जिंदगी में

 भागते रहने से ज्यादा

 ठहर जाना बेहतर होता है...

और वो जो कभी

हमारी प्राथमिकता में

सबसे पहला स्थान रखता था...

उसे लिस्ट से ही

बाहर कर देना जरूरी होता है

जिंदगी में सुकूं के लिए....।