Friday 26 March 2021

देशद्रोह

स्त्री सिर्फ स्त्री नहीं होती ना

मां भी होती है...

इसलिए किसी भी समाज, देश, दुनिया की

आधारशिला होती है...

क्योंकि विकसित होता है 

किसी भी देश, दुनिया का हर बच्चा

उसी की कोख में...

और कोख की चारदीवारी में

विकसित होता है स्वस्थ रुप से वही बच्चा...

जिसकी मां शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होती है

और स्त्री का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य

दुनिया भर में सबसे निचले पायदान पर...

मगर स्त्रियों के खिलाफ हिंसा हर जगह मौजूद...

हिंसा से आर्त्त मां का स्वास्थ्य बच्चे तक जाता है

और ऐसे बनते हैं किसी भी देश के भावी नागरिक

वो नागरिक जो किसी भी देश की बुनियाद होते है...

तो क्या स्त्रियों के साथ किया गया हिंसात्मक व्यवहार

देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आता...?


Thursday 25 March 2021

देवदास

देवदास कोई व्यक्ति 

कोई पात्र नहीं

देवदास एक मनोवृत्ति है...

इंसानों के भीतर की वह मनोवृत्ति

जिसमें डूबा व्यक्ति

अपनी जिम्मेदारियों से भागता है...

जब फैसला लेना चाहिए

तब फैसला नहीं लेता...

और साहस की जगह

कायरता को चुनता है...

खुद से भागना

पलायनवादी होना ही

देवदास होना है....।

Thursday 11 March 2021

पीड़ा का सतत् स्रोत

मंदबुद्धि, संकीर्ण,

मनोरोगी समाजों में..

प्रबुद्ध, सृजनात्मक,

संवेदन युक्त होना तेरा..

पीड़ा का सतत् स्रोत है....।